धरती के जिस हिस्से पर आप अपनी लीलाओं का प्रदर्शन करने आए थे, उसी हिस्से पर दुनिया की नज़रे लगी हुई हैं। जिस भारत भूमि पर जन्म लेने के लिए स्वर्ग के देवता भी तरसते हैं, आज उसी भारत भूमि से उसकी संस्कृति को समाप्त करने के लिए कोशिशे जारी हैं। इसी संधर्भ में सबसे पहले राम जन्म भूमि का विवाद छेड़ा गया, अब उस पुल का विवाद छेड़ा जा रहा है जो अपने लंका पर विजय पा अपनी प्राण प्रिय पत्नी सीता जी को रावन के चंगुल से छुड़ाने के लिए बनाया था। लाखों साल पहले बने पुल से आज तक कोई परेशानी नहीं थी, परन्तु जब से विदेशियों ने इसे ढूंढ निकल है, बस तभी से इस पुल से परेशानियाँ बढ़ गयी हैं। आपके द्वारा बनाये इस पुल का कोई महत्व नहीं है, सवाल है इस पुल को तोड़ देने से जो करोड़ो रुपए की आय होगी वह देश के काम आएगी। तो हो गया ना साफ़ की आप दोनों में बड़ा कौन ?
अब एक और प्रमाण देता हूँ की इंसान आपको कैसे नकार रहा है। दहेज़ यानि माता महालक्ष्मी को लेके जो बहुएं
अपनी ससुराल नहीं जाती, उसने साथ दुर्व्यवहार करके या तो उन्हें घर से निकाल दिया जाता है या दुर्घटना कह कर उन्हें जला दिया जाता है और यदि उन्होंने बेटी को जन्म दे दिया तो फिर पूछो ही मत। आने वाले समय में किसी तीज त्यौहार अथवा अपने बेटे के लिए बहू बहन की आवश्यकता नहीं है। टेस्ट टयूब बेबी जो हाज़िर हैं ! यहाँ पर भी आप पीछे ही रह गए ना !
बचपन से सुनते आये हैं कि मरे बिना स्वर्ग किसी ने नहीं देखा ! जहाँ आप रहते हैं ! और जो एक बार वहां पहुँच जाता है वह दोबारा इस दुनिया में नहीं लौटता। अब आपको ये जानकर आश्चर्य होगा की ये कहावत भी गलत होती जा रही है क्योंकि अब धरती के इन प्राणियों ने सशरीर स्वर्ग जाने का रास्ता खोज लिया है। वह रास्ता जिस रस्ते से कभी पांचो पांडव स्वर्ग जाने के लिए तैयार हुए थे एक निजी चैनल के एक संवादाता ने उन सीडियों को खोज निकल है, जिस पर चढ़ कर युधिष्ठिर ने स्वर्ग में प्रवेश किया था। अब आज उस पर्वतोरोही की खोज हो रही है जो उन सीडियों पर चढ़ कर देख सके कि आगे का दृश्य कैसा है ! अगर उसे आगे कोई स्कोप नज़र आया तो वह दिन दूर नहीं होगा जब वहां पर भी बड़े-बड़े बिल्डर्स की ऊँची-ऊँची इमारतें खड़ी दिखाई देंगी। अब आपका बनाया हुआ चाँद बिकने की नौबत पर आ ही चुका है या यूँ कहें कि आपके बनाये हुए चाँद पर प्लाट तो कटने चालू हो ही चुके हैं। पार्क बनाने के दावे किये जा रहे हैं, कुछ विदेशियों ने चाँद पर अपना कब्ज़ा दिखा कर वहां पर प्लाट देने शुरू कर ही रखे हैं। अभी एक भारतीय मूल की विदेशी महिला सुनीता विलियम्स तो वहां ६ महीने गुजार भी आई हैं और अब वहां पर भी रहने का सिलसिला धीरे-धीरे शुरू होने वाला है और फिर धीरे-धीरे मंगल की बारी आने वाली है।
यह बात नहीं है की आपके अस्तित्व को नकारने का प्लान अभी हाल फिलहाल में ही बना हो ! प्लान तो बहुत पहले से चालू था लेकिन कार्यान्वित अभी किया जा रहा है। यह धरती जब से बनी,तभी से मानव कहता आ रहा है की "तन-मन-धन सब कुछ है तेरा" परन्तु अब इन पंक्तियों में भी मानव ने हेरा फेरी कर दी है। जब से मानव ने टेस्ट टयूब बेबी और क्लोन जैसी चीजों का आविष्कार किया है, तब से ये पंक्तियाँ घूम कर हो गयी हैं कि "तन-मन-धन सब कुछ है मेरा, मेरा मुझको अर्पण क्या लगे तेरा" ! अब भी क्या आपको नहीं लगता की आपको नकारने की एक साजिश ना जाने कब से की जा रही थी।
(TO BE CONTD.)
अब एक और प्रमाण देता हूँ की इंसान आपको कैसे नकार रहा है। दहेज़ यानि माता महालक्ष्मी को लेके जो बहुएं
अपनी ससुराल नहीं जाती, उसने साथ दुर्व्यवहार करके या तो उन्हें घर से निकाल दिया जाता है या दुर्घटना कह कर उन्हें जला दिया जाता है और यदि उन्होंने बेटी को जन्म दे दिया तो फिर पूछो ही मत। आने वाले समय में किसी तीज त्यौहार अथवा अपने बेटे के लिए बहू बहन की आवश्यकता नहीं है। टेस्ट टयूब बेबी जो हाज़िर हैं ! यहाँ पर भी आप पीछे ही रह गए ना !
बचपन से सुनते आये हैं कि मरे बिना स्वर्ग किसी ने नहीं देखा ! जहाँ आप रहते हैं ! और जो एक बार वहां पहुँच जाता है वह दोबारा इस दुनिया में नहीं लौटता। अब आपको ये जानकर आश्चर्य होगा की ये कहावत भी गलत होती जा रही है क्योंकि अब धरती के इन प्राणियों ने सशरीर स्वर्ग जाने का रास्ता खोज लिया है। वह रास्ता जिस रस्ते से कभी पांचो पांडव स्वर्ग जाने के लिए तैयार हुए थे एक निजी चैनल के एक संवादाता ने उन सीडियों को खोज निकल है, जिस पर चढ़ कर युधिष्ठिर ने स्वर्ग में प्रवेश किया था। अब आज उस पर्वतोरोही की खोज हो रही है जो उन सीडियों पर चढ़ कर देख सके कि आगे का दृश्य कैसा है ! अगर उसे आगे कोई स्कोप नज़र आया तो वह दिन दूर नहीं होगा जब वहां पर भी बड़े-बड़े बिल्डर्स की ऊँची-ऊँची इमारतें खड़ी दिखाई देंगी। अब आपका बनाया हुआ चाँद बिकने की नौबत पर आ ही चुका है या यूँ कहें कि आपके बनाये हुए चाँद पर प्लाट तो कटने चालू हो ही चुके हैं। पार्क बनाने के दावे किये जा रहे हैं, कुछ विदेशियों ने चाँद पर अपना कब्ज़ा दिखा कर वहां पर प्लाट देने शुरू कर ही रखे हैं। अभी एक भारतीय मूल की विदेशी महिला सुनीता विलियम्स तो वहां ६ महीने गुजार भी आई हैं और अब वहां पर भी रहने का सिलसिला धीरे-धीरे शुरू होने वाला है और फिर धीरे-धीरे मंगल की बारी आने वाली है।
यह बात नहीं है की आपके अस्तित्व को नकारने का प्लान अभी हाल फिलहाल में ही बना हो ! प्लान तो बहुत पहले से चालू था लेकिन कार्यान्वित अभी किया जा रहा है। यह धरती जब से बनी,तभी से मानव कहता आ रहा है की "तन-मन-धन सब कुछ है तेरा" परन्तु अब इन पंक्तियों में भी मानव ने हेरा फेरी कर दी है। जब से मानव ने टेस्ट टयूब बेबी और क्लोन जैसी चीजों का आविष्कार किया है, तब से ये पंक्तियाँ घूम कर हो गयी हैं कि "तन-मन-धन सब कुछ है मेरा, मेरा मुझको अर्पण क्या लगे तेरा" ! अब भी क्या आपको नहीं लगता की आपको नकारने की एक साजिश ना जाने कब से की जा रही थी।
(TO BE CONTD.)
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