ये "स " का चक्कर क्या है ?
अभी हाल-फिलहाल सचिन तेंदुलकर ने वन-डे क्रिकेट में डबल सेंचुरी मारी थी। क्या यह एक इत्तिफ़ाक़ था ?
कुछ साल पहले राजनीति में जब एक-दूसरे पर कीचड़ उछाला जा रहा था, तब सोनिया जी के पैर उखाड़ने में लगे उनके विरोधी उनका कुछ भी न तब बिगाड़ सके थे और न अब बिगाड़ पा रहे हैं। क्या ये भी एक इत्तिफ़ाक़ है।
कुछ वर्ष पहले बॉलीवुड के एक हीरो असलाह इत्यादि रखने के जुर्म में पकड़े गए थे। केस चला, अंदर गए, बाहर आ गए। क्या इसे भी एक इत्तिफ़ाक़ कहा जायेगा? इसके अलावा एक अन्य हीरो काले हिरण के शिकार आदि में पकड़े गए। उनका क्या हुआ ? कुछ भी नहीं और इसके अलावा एक अन्य हीरो तो जैसे ही बॉलीवुड पहुंचे, वैसे ही लोगों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया और किंग खान बना दिया। ये सारे इत्तिफ़ाक़ एक साथ तो हो नहीं सकते, फिर.…
बहुत ध्यान से देखा जाये तो इन सब में एक समानता है कि इन सबके नाम का पहला अक्षर 'स' है। 'स' मतलब 'सफलता'। ये एक भ्रम नहीं, ये एक हकीकत है।
क्या कभी आपने अंग्रेजी वर्णमाला में एस अक्षर की शेप देखी है? कैसी है ? घुमावदार ना! ठीक वैसे ही इस नाम के अक्षर वालोँ की कहानी होती है। इस अक्षर के नाम वालोँ की खासियत होती है कि वे अपना काम निकालने के लिए 'सांप' की तरह बने इस अक्षर के तरीके का इस्तेमाल करते हैं। चाहे जैसे भी हो, काम निकलना चाहिए। अब चूँकि आदमी की शख्शियत पर उसके नाम का बहुत प्रभाव पड़ता है, इसलिए इस अक्षर का भी तो प्रभाव पड़ेगा ही !
देखा तो यहाँ तक गया है कि यदि ये अक्षर किसी के पीछे पड़ जाये तो उसका पीछा जिंदगी भर नहीं छोड़ता। मैंने कई लोगों की जिंदगियों को देखा है, लेकिन यहाँ मैं अपनी ह ज़िन्दगी की बात बताता हूँ। जो स्त्री अर्थात मेरी माँ, जो मुझे इस दुनिया में लाई, उसका नाम इसी अक्षर से था। मेरे बड़े भाई का नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता है। जब मैं पहली बार नौकरी के लिए गया तो मेरे बॉस का नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था। मुझे नौकरी के दौरान जो पहला व्यक्ति मिला, उसका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था। नौकरी के दौरान जो व्यक्ति मेरा दुश्मन बना, उसका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था। यहाँ तक कि जिस व्यक्ति ने मेरे विवाह की बात पक्की करवाई, उसका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था। इसके अलावा मेरी जिंदगी के महत्वपूर्ण वाकयों में इसी अक्षर के नाम वाले व्यक्तियों का हाथ रहा, और तो और, आज जब मैं रिटायरमेंट के नजदीक पहुँच रहा हूँ और आज की तारीख में जो मेरा बॉस है, उसका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता है। लब्बोलुआब यह है कि मैं इस अक्षर से जितना भी पीछा छुड़ाना चाहता हूँ, उतना ही यह मुझे अपने घेरे में लेता जा रहा है और मजे की बात यह है कि इस अक्षर के जितने भी व्यक्ति मेरी जिंदगी में आये, चाहे किन्हीं भी कारणों से, मेरी जिंदगी में आने के बाद, अपनी-अपनी जिंदगी में कामयाबी के शिखर पर पहुंचे।
जब मैंने इस अक्षर पर रिसर्च करने की सोची तो मुझे एक खासियत और भी पता चली और वो थी इस अक्षर का 'के' अक्षर के साथ कुछ ख़ास अटैचमेंट! मैंने उन सभी का, जिनका मेरी जिंदगी के साथ अटैचमेंट रहा, यह पाया की उन सभी का किसी न किसी रूप में 'के' अक्षर के साथ भी अटैचमेंट रहा। इसका प्रमाण मुझे कई प्रसिद्ध हस्तियों की जिंदगी में भी देखने को मिला। तो आइए उनके बारे में भी आपको बताता चलूं।
सुप्रसिद्ध अभिनेत्री करिश्मा कपूर का संजय के साथ विवाह, उसकी बहन करीना कपूर का शाहिद के साथ प्रेम प्रसंग का होना और टूटना, और फिर उसके दूसरे प्रेमी सैफ अली खान का उसके साथ जुड़ना और फिर शादी होना (चाहे कामयाब हो या फिर करिश्मा की तरह उसका भी अंजाम हो, यह बात अलग है, लेकिन 'एस; और 'के' का साथ केवल १ या २ प्रतिशत ही कामयाब रहा है) और फिर इस सबसे ऊपर 'सलमान' और कटरीना का प्रेम प्रसंग। क्या यह सब एक इतिफाक होना है ? नहीं, यह सब इस 'एस' का कमाल है! जैसे गणित के अंक नौ का आज तक कोई पता नहीं कर पाया है कि अंक नौ को जिस मर्जी संख्या से गुणा कर लिया जाए, उसका जोड़ नौ ही रहता है, उसी तरह अंग्रेजी वर्णमाला का अक्षर 'एस' भी एक रहस्यमय अक्षर है, जिसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान सका है। हिन्दुओं के सभी देवी-देवताओं में आज तक लोगों के मुंह पर जिन दो देवताओं के नाम रहते हैं, उनका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता है, 'श्रीराम' और 'श्री कृष्ण।' और तो और त्रिलोक में भी भगवान भोलेनाथ का नाम भी तो इसी अक्षर से शुरू होता है, जिनको तीनों लोकों का स्वामी कहा जाता है।
हिंदुस्तान के सबसे प्रमुख नंबर एक के समाचार पत्र 'नवभारत टाइम्स' के वर्तमान मालिक और सबसे पहले मालिक, जिन्होंने अंग्रेज़ों से इसे ख़रीदा था, उनका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था।
यह सब एक इतिफाक तो नहीं माने जा सकते!
क्या इस 'एस' अक्षर का रहस्य कभी सुलझ सकेगा? शायद कभी नहीं !!!
अभी हाल-फिलहाल सचिन तेंदुलकर ने वन-डे क्रिकेट में डबल सेंचुरी मारी थी। क्या यह एक इत्तिफ़ाक़ था ?
कुछ साल पहले राजनीति में जब एक-दूसरे पर कीचड़ उछाला जा रहा था, तब सोनिया जी के पैर उखाड़ने में लगे उनके विरोधी उनका कुछ भी न तब बिगाड़ सके थे और न अब बिगाड़ पा रहे हैं। क्या ये भी एक इत्तिफ़ाक़ है।
कुछ वर्ष पहले बॉलीवुड के एक हीरो असलाह इत्यादि रखने के जुर्म में पकड़े गए थे। केस चला, अंदर गए, बाहर आ गए। क्या इसे भी एक इत्तिफ़ाक़ कहा जायेगा? इसके अलावा एक अन्य हीरो काले हिरण के शिकार आदि में पकड़े गए। उनका क्या हुआ ? कुछ भी नहीं और इसके अलावा एक अन्य हीरो तो जैसे ही बॉलीवुड पहुंचे, वैसे ही लोगों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया और किंग खान बना दिया। ये सारे इत्तिफ़ाक़ एक साथ तो हो नहीं सकते, फिर.…
बहुत ध्यान से देखा जाये तो इन सब में एक समानता है कि इन सबके नाम का पहला अक्षर 'स' है। 'स' मतलब 'सफलता'। ये एक भ्रम नहीं, ये एक हकीकत है।
क्या कभी आपने अंग्रेजी वर्णमाला में एस अक्षर की शेप देखी है? कैसी है ? घुमावदार ना! ठीक वैसे ही इस नाम के अक्षर वालोँ की कहानी होती है। इस अक्षर के नाम वालोँ की खासियत होती है कि वे अपना काम निकालने के लिए 'सांप' की तरह बने इस अक्षर के तरीके का इस्तेमाल करते हैं। चाहे जैसे भी हो, काम निकलना चाहिए। अब चूँकि आदमी की शख्शियत पर उसके नाम का बहुत प्रभाव पड़ता है, इसलिए इस अक्षर का भी तो प्रभाव पड़ेगा ही !
देखा तो यहाँ तक गया है कि यदि ये अक्षर किसी के पीछे पड़ जाये तो उसका पीछा जिंदगी भर नहीं छोड़ता। मैंने कई लोगों की जिंदगियों को देखा है, लेकिन यहाँ मैं अपनी ह ज़िन्दगी की बात बताता हूँ। जो स्त्री अर्थात मेरी माँ, जो मुझे इस दुनिया में लाई, उसका नाम इसी अक्षर से था। मेरे बड़े भाई का नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता है। जब मैं पहली बार नौकरी के लिए गया तो मेरे बॉस का नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था। मुझे नौकरी के दौरान जो पहला व्यक्ति मिला, उसका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था। नौकरी के दौरान जो व्यक्ति मेरा दुश्मन बना, उसका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था। यहाँ तक कि जिस व्यक्ति ने मेरे विवाह की बात पक्की करवाई, उसका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था। इसके अलावा मेरी जिंदगी के महत्वपूर्ण वाकयों में इसी अक्षर के नाम वाले व्यक्तियों का हाथ रहा, और तो और, आज जब मैं रिटायरमेंट के नजदीक पहुँच रहा हूँ और आज की तारीख में जो मेरा बॉस है, उसका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता है। लब्बोलुआब यह है कि मैं इस अक्षर से जितना भी पीछा छुड़ाना चाहता हूँ, उतना ही यह मुझे अपने घेरे में लेता जा रहा है और मजे की बात यह है कि इस अक्षर के जितने भी व्यक्ति मेरी जिंदगी में आये, चाहे किन्हीं भी कारणों से, मेरी जिंदगी में आने के बाद, अपनी-अपनी जिंदगी में कामयाबी के शिखर पर पहुंचे।
जब मैंने इस अक्षर पर रिसर्च करने की सोची तो मुझे एक खासियत और भी पता चली और वो थी इस अक्षर का 'के' अक्षर के साथ कुछ ख़ास अटैचमेंट! मैंने उन सभी का, जिनका मेरी जिंदगी के साथ अटैचमेंट रहा, यह पाया की उन सभी का किसी न किसी रूप में 'के' अक्षर के साथ भी अटैचमेंट रहा। इसका प्रमाण मुझे कई प्रसिद्ध हस्तियों की जिंदगी में भी देखने को मिला। तो आइए उनके बारे में भी आपको बताता चलूं।
सुप्रसिद्ध अभिनेत्री करिश्मा कपूर का संजय के साथ विवाह, उसकी बहन करीना कपूर का शाहिद के साथ प्रेम प्रसंग का होना और टूटना, और फिर उसके दूसरे प्रेमी सैफ अली खान का उसके साथ जुड़ना और फिर शादी होना (चाहे कामयाब हो या फिर करिश्मा की तरह उसका भी अंजाम हो, यह बात अलग है, लेकिन 'एस; और 'के' का साथ केवल १ या २ प्रतिशत ही कामयाब रहा है) और फिर इस सबसे ऊपर 'सलमान' और कटरीना का प्रेम प्रसंग। क्या यह सब एक इतिफाक होना है ? नहीं, यह सब इस 'एस' का कमाल है! जैसे गणित के अंक नौ का आज तक कोई पता नहीं कर पाया है कि अंक नौ को जिस मर्जी संख्या से गुणा कर लिया जाए, उसका जोड़ नौ ही रहता है, उसी तरह अंग्रेजी वर्णमाला का अक्षर 'एस' भी एक रहस्यमय अक्षर है, जिसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान सका है। हिन्दुओं के सभी देवी-देवताओं में आज तक लोगों के मुंह पर जिन दो देवताओं के नाम रहते हैं, उनका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता है, 'श्रीराम' और 'श्री कृष्ण।' और तो और त्रिलोक में भी भगवान भोलेनाथ का नाम भी तो इसी अक्षर से शुरू होता है, जिनको तीनों लोकों का स्वामी कहा जाता है।
हिंदुस्तान के सबसे प्रमुख नंबर एक के समाचार पत्र 'नवभारत टाइम्स' के वर्तमान मालिक और सबसे पहले मालिक, जिन्होंने अंग्रेज़ों से इसे ख़रीदा था, उनका नाम भी इसी अक्षर से शुरू होता था।
यह सब एक इतिफाक तो नहीं माने जा सकते!
क्या इस 'एस' अक्षर का रहस्य कभी सुलझ सकेगा? शायद कभी नहीं !!!
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